Hanuman Chalisa Hindi | श्री हनुमान चालीसा। Hanuman Chalisa Lyrics

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🛕 Hanuman Chalisa Hindi 🛕

Hanuman Chalisa Hindi श्री हनुमान चालीसा Hanuman Chalisa Lyrics

🙏 [ श्री हनुमान चालीसा हिंदी में ] 🙏

श्री हनुमान चालीसा पाठ का एक-एक शब्द अत्यंत प्रभावशाली है अगर पूरे मन से इसे दिन में 7 बार, 11 बार या फिर 108 बार पढ़ा जाए तो जीवन से हर एक परेशानियाँ दूर होने लगती है, हर काम सफल होने लगता है।

तांत्रिक हनुमान यंत्र hanuman yantra in hindi

तांत्रिक हनुमान यंत्र hanuman yantra in hindi
तांत्रिक हनुमान यंत्र hanuman yantra in hindi

श्लोक : अतुलित बलधामं हेम शैलाभदेहं,
दनुज-वन कृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्‌।
सकल गुणनिधानं वानराणामधीशं ,
रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि॥

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🙏 🛕 श्री हनुमान चालीसा 🛕 🙏

दोहा :

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।।

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चौपाई :

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर॥१॥
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनिपुत्र पवन सुत नामा॥२॥

महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥
कंचन बरन विराज सुवेसा।
कानन कुण्डल कुंचित केसा॥४॥

हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै।
काँधे मूँज जनेऊ साजै॥५॥
शंकर सुवन केसरी नन्दन।
तेज प्रताप महा जगबन्दन॥६॥

विद्यावान गुणी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर॥७॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मन बसिया॥८

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र के काज संवारे॥१०॥

लाय सजीवन लखन जियाये।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये॥११॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥१२॥

सहस बदन तुम्हरो यश गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं१३॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥
यम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना
लंकेस्वर भये सब जग जाना॥१७॥

जुग सहस्र योजन पर भानू
लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥१८॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गए अचरज नाहीं॥१९॥

दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना२२॥
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै॥२३॥

भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥
नासै रोग हरै सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥

संकट ते हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥२६॥
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोइ अमित जीवन फल पावै॥२८॥

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जग उजियारा॥२९॥
साधु संत के तुम रखवारे।
असुर निकन्दन राम दुलारे॥३०॥

अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता
अस वर दीन जानकी माता॥३१॥
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥

तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥
अन्त काल रघुबर पुर जाई।
जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥३४॥
देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्व सुख करई॥३५॥

संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥३७॥

जो शत बार पाठ कर कोई
छूटहिं बंदि महासुख होई॥३८

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा॥३९
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा॥४०॥

दोहा :

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

◉ श्री हनुमंत लाल की पूजा आराधना में हनुमान चालीसाबजरंग बाण और संकटमोचन अष्टक का पाठ बहुत ही प्रमुख माने जाते हैं।


panchmukhi hanuman Chalisa Hindi

सार : मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा, उपासना और हनुमान चालीसा का पाठ करने पर सभी संकटों से मुक्ति और बाधाएं दूर होती है।

विस्तार: हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए नियमित हनुमान चालीसा का पाठ करना बहुत ही लाभदायक होता है। मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा,उपासना और हनुमान चालीसा का पाठ करने सभी संकटों से मुक्ति और बाधाएं दूर होती है। शास्त्रों में हनुमानजी को संकटमोचक कहा गया है और जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। हनुमान चालीसा का पाठ अगर सही विधि से किया जाय तो जल्द ही अच्छा और सुखद परिणाम मिलता है। आइए जानते हैं भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए कब-कब, कैसे और मंगलवार के दिन कितनी बार हनुमान चालीसा का पाठ करना लाभ देने वाला सिद्ध हो सकता है।

श्री हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें?

हनुमान जी की कृपा पाने के लिए मंगलवार के दिन अगर सही तरीके से हनुमान चालीसा का पाठ किया जाय तो भगवान का आशीर्वाद जल्द मिलता है। मंगलवार के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर हनुमान जी की प्रतिमा के सामने पूजा का संकल्प लेते हुए हनुमानजी को सिंदूर, फल और फूल अर्पित करना चाहिए।

मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा अगर एक से तीन बार किया जाय तो जल्द ही हनुमंत कृपा प्राप्त होती है।

मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ अगर आप-पास स्थित किसी हनुमान मंदिर में जाकर करें तो हनुमानजी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

हनुमान चालीसा का पाठ करते समय इस बात का ध्यान रखें कि मन में पाठ करने के बजाय थोड़ी तेज आवाज में बोलकर करना चाहिए।

हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले हनुमान जी की मूर्ति पर सिंदूर जरूर अर्पित करें। मान्यता है कि भगवान हनुमानजी को सिंदूर चढ़ाने पर जल्द प्रसन्न होते हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ करते समय मन को शांत और एकाग्र चित रहते हुए करना ज्यादा लाभदायक होता है।

हनुमान चालीसा का पाठ करते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

हनुमानजी की पूजा और चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है। पूजा से पहले भगवान गणेश और अपने कुल देवी या देवता का स्मरण जरूर करना चाहिए।

हनुमान चालीसा के पाठ करने के बाद प्रसाद अवश्य चढ़ाएं। प्रसाद में गुड,चना और बूंदी चढ़ाना चाहिए। साथ ही भगवान हनुमान को तुलसी दल बहुत ही प्रिय होती है, इसलिए पूजा में तुलसी के पत्ते जरूर चढ़ाएं।

श्री हनुमान चालीसा क्या है?

हनुमान चालीसा अवधी भाषा में लिखी गई एक काव्यात्मक कृति है जिसमें भगवान श्री राम के महान भक्त श्री हनुमान के कार्यों और गुणों का उल्लेख 40 चौपाइयों में किया गया है। यह अत्यन्त लघु रचना है जिसमें पवन पुत्र श्री हनुमान जी का सुन्दर वर्णन किया गया है। इसमें बजरग बली‍ की भावपूर्ण वन्दना तो है, भगवान श्री राम का व्यक्तित्व भी सरल शब्दों में उकेरा गया है।चालीसा” शब्द से अभिप्राय “चालीस” (40) का है क्योंकि इस स्तुति में 40 छन्द हैं (परिचय के 2 दोहों को छोड़कर)। हनुमान चालीसा के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी हैं।

श्री हनुमान चालीसा का महत्व

श्री हनुमान चालीसा के लेखन का श्रेय तुलसीदास जी को दिया जाता है , जो एक कवि-संत थे, जो 16 वीं शताब्दी में रहते थे। उन्होंने भजन के अंतिम छंद में अपने नाम का उल्लेख किया है। श्री हनुमान चालीसा के 39 वें श्लोक में कहा गया है कि जो कोई भी हनुमान जी की भक्ति के साथ इसका जप करेगा, उस पर हनुमान जी की कृपा होगी। दुनिया भर के हिंदुओं में, यह एक बहुत लोकप्रिय धारणा है कि चालीसा का जप गंभीर समस्याओं में हनुमान के दैवीय हस्तक्षेप का आह्वान करता है।

श्री हनुमान जी के बारे में

महावीर श्री हनुमान जी भक्ति, सेवा और ब्रह्मचर्य के साकार रूप हैं। उनका व्यक्तित्व अत्यन्त ओजस्वी एवं तेजस्वी है। शक्ति और पराक्रम के तो वह मूर्तिमन्त रूप ही हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी के अनुसार – “श्री हनुमान बुद्धिमानों में श्रेष्ठ तथा ज्ञानियों में अग्रगण्य हैं। अपने निष्काम कर्म के अनुरुप ही उनका निःस्वार्थ सेवा का व्रत है। वह श्रीराम के अनन्य भक्त और निःस्वार्थ सेवक हैं।”

चालीस का समूह चालीसा

चालीस चौपाइयों का यह समूह श्री हनुमान चालीसा है जिसमें सम्पूर्ण विधान है ताकिअष्ट सिद्धि एवं नव निधि की प्राप्ति की जा सके श्री तुलसीदास जी द्वारा यह पूर्ण चालीसा अवधी भाषा में लिखी गयी है जिसके आध्यात्मिक एवं सामान्य अर्थ पर आज प्रकाश डालना आवश्यक है। जितने भी रचनाएँ ऋषियों द्वारा किये गए हैं वे इस प्रकार से किये गए हैं जिनके सामान्य एवं आध्यात्मिक अर्थ दोनों निकल सकें जिससे एक सामान्य व्यक्ति भी समझ सके और एक आध्यात्मिक साधक उसके पीछे छुपे गहन अर्थ को भी समझ सकें।

Hanuman Chalisa Paath Niyam

हनुमान चालीसा का पाठ करने के भी होते हैं नियम, भूलकर भी न करें गलती

Hanuman Chalisa Path Niyam: मंगलवार का दिन संकटमोचन हनुमान जी को समर्पित है। यह दिन हनुमान जी के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। ऐसी मान्यता है कि, कलियुग में एक मात्र हनुमान जी ही जीवित देवता हैं। कहते हैं हनुमान जी की कृपा से ही तुलसीदास जी को भगवान राम के दर्शन हुए थे। हनुमान जी के बारे में यह भी कहा जाता है कि जहां कहीं भी रामकथा होती है हनुमान जी वहां किसी न किसी रूप में जरूर मौजूद रहते हैं।

हनुमान जी की महिमा और भक्तहितकारी स्वभाव को देखते हुए तुलसीदास जी ने हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा लिखा है। इस चालीसा का नियमित पाठ बहुत ही सरल और आसान है। लेकिन सरल होने के बाद भी हनुमान चालीसा का पाठ पूरे नियम से करने चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ करने का भी खास तरीका होता है अन्यथा भक्तों को इसका शुभ फल नहीं मिल पाता। आइए जानते हैं क्या हैं वो नियम।

इस दिन से शुरू करें हनुमान चालीसा का पाठ

आमतौर पर देखा जाता है कि साधक हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करते हैं, लेकिन फिर भी इसका लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है। यदि आप हनुमान चालीसा का पाठ पहली बार शुरू करने जा रहे हैं तो इसकी शुरुआत मंगलवार से करें।

हनुमान चालीसा के पाठ के नियम 

हनुमान चालीसा का पाठ करते समय नियमों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। यदि आप छोटी गलती भी करते है तो आपको इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ सकता है। आइए जानते हैं हनुमान चालीसा के पाठ के क्या नियम है। 

  • हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए मंगलवार के दिन प्रातः स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद मंदिर में हनुमान जी की तस्वीर लगाएं। 
  • पूजा के दौरान आप भी कुशा या अन्य किसी चीज से बने आसन पर बैठें। 
  • हनुमान चालीसा पाठ करने से पहले हमेशा गणेश आराधना करें। 
  • गणपति जी की  आराधना के बाद भगवान राम और माता सीता का ध्यान करें।  
  • इसके बाद संकटमोचन को प्रणाम करें और  हनुमान चालीसा पाठ का संकल्प लें। 
  • इसके बाद हनुमानजी के समक्ष धूप-दीप जलाएं और उन्हें पुष्प अर्पित करें।
  • इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ आरंभ करें । 
  • चूंकि हनुमान जी श्री राम के भक्त हैं इसलिए चालीसा पाठ पूरा करने के बाद भगवान राम का स्मरण करें। 
  • अंत में बजरंगबली को बूंदी, पंजीरी या बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।  

हनुमान चालीसा पाठ करने के लाभ 

  • हनुमान जी को संकटमोचन कहा जाता है इसलिए  हनुमान चालीसा पाठ करने से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं। 
  • हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को भी से मुक्ति मिलती है और वह साहसी बनता है। 
  • मोक्ष प्राप्ति के लिए हनुमान चालीसा के पाठ को बहुत अहम माना गया है।  
  • यदि छात्र हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो वे बुद्धिमान और संस्कारी बनते हैं।