रामभद्राचार्य हनुमान चालीसा pdf Hanuman Chalisa By Rambhadracharya ji

Hanuman Chalisa By Rambhadracharya ji (at Salasar) 🛕 श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स हिंदी रामभाद्राचार्य (सालासर) के द्वारा हनुमान चालीसा लिरिक्स जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी 🛕 Jagadguru Rambhadracharya Ji Swami Rambhadracharya told 4 mistake in Hanuman Chalisa स्वामी रामभद्राचार्य ने बताई हनुमान चालीसा की 4 अशुद्धियां रामभद्राचार्य हनुमान चालीसा pdf Hanuman Bhajan By Jagad Guru Ramanandacharya Hanuman Chalisa by rambhadracharya pdf Correct Hanuman Chalisa Rambhadracharya Hanuman Chalisa

तुलसी पीठाधीश्वर जगदगुरु रामभद्राचार्य ने एक बार फिर से “रामचरितमानस” को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित किया जाने की मांग की और इसकी के साथ ही उन्होंने बताया कि आज के समय में ‘हनुमान चालीसा का गलत तरीके से हो रहा पाठ, जगदगुरु रामभद्राचार्य ने गिनाईं गलतियां, उन्होंने कहा कि कुछ चौपाइयों में गलतियां हैं।

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने तुलसीकृत हनुमान चालीसा की चौपाइयों में चार अशुद्धियां बताईं साथ ही कहा कि इन्‍हें सही किया जाना चाहिए। इसके बाद उनके बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया। गुरु रामभद्राचार्य का कहना था कि हनुमान भक्‍तों को चालीसा की चौपाइयों का शुद्ध उच्‍चारण करना चाहिए।

🙏Hanuman Chalisa By Rambhadracharya ji🙏

Jagadguru Rambhadracharya ji maharaj Hanuman chalisa
Jagadguru Rambhadracharya ji maharaj Hanuman chalisa

बजरंग बली के भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए चालीसा का पाठ करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है, लेकिन तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने हाल ही में दावा किया है कि हनुमान चालीसा की कई चौपाईयों में अशुद्धियां है, जिनको ठीक किया जाना चाहिए। हनुमान चालीसा की चौपाइयों में गलती है।

लेकिन आप टेंशन ना ले, हमने आपके लिए जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी के द्वारा हनुमान चालीसा लिरिक्स शुद्ध उच्‍चारण निचे दी है l आप पढ़े और अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें l
|| जय श्री राम ||

हनुमान चालीसा गलत छपा [चार अशुद्धियां] के अधिक जानकारी के लिए आप निचे देखे हनुमान चालीसा के बाद हमने पुरी जनकरी विवरण दिया है।

तांत्रिक हनुमान यंत्र hanuman yantra in hindi

तांत्रिक हनुमान यंत्र hanuman yantra in hindi
तांत्रिक हनुमान यंत्र hanuman yantra in hindi

श्लोक : अतुलित बलधामं हेम शैलाभदेहं,
दनुज-वन कृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्‌।
सकल गुणनिधानं वानराणामधीशं ,
रघुपति प्रियभक्तं वातजातं नमामि॥

🙏रामभद्राचार्य हनुमान चालीसा दोहा🙏

श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।।

🛕रामभद्राचार्य हनुमान चालीसा चौपाई के साथ🛕

Hanuman Chalisa By Rambhadracharya ji रामभद्राचार्य हनुमान चालीसा pdf
Hanuman Chalisa By Rambhadracharya ji रामभद्राचार्य हनुमान चालीसा pdf

श्री हनुमान चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनिपुत्र पवनसुत नामा।।

महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन विराज सुवेसा।
कानन कुण्डल कुंचित केसा।।

हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै।
काँधे मूँज जनेऊ साजै।
शंकर स्वयं केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जगबन्दन।।

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र जी के काज संवारे।।

लाय संजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो यश गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।

जम कुबेर दिक्पाल जहां ते।
कवि कोविद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राजपद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।
लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्र योजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।।

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूतपिशाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन-क्रम-वचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम राज सिर ताजा
तिनके काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु सन्त के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।

अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सादर हो रघुपति के दासा ‘।।

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख ‘बिसरावै।
अन्तकाल रघुबरपुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
यह सत बार पाठ कर जो
l
छूटहि बंदि महासुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।

दोहा 
पवन तनय संकट हरन,
मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित,
हृदय बसहु सुर भूप।।

॥ जय-घोष ॥
बोलो सियावर रामचंद्र की जय
बोलो पवनसुत हनुमान की जय

बोल बजरंगबली की जय।
पवनपुत्र हनुमान की जय॥
॥ जय श्री राम ॥

श्री चित्रकूट तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हनुमान चालीसा का पाठ गलत किया जा रहा है। इसी के साथ चालीसा की जिन चौपाइयों में गलतियां हैं। उनके बारे में भी बताया। छपाई की वजह से लोग कर रहे गलत उच्चारण जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी के मुताबिक चालीसा की छपाई की वजह से लोगों शब्दों का गलत उच्चारण कर रहे हैं उन्होंने चालीसा की चार अशुद्धियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि 4थी, 27वीं, 32वीं और 38वीं में गलत छपा हुआ है, जिसे अब ठीक कर लिया जाना चाहिए।

उन्‍होंने कहा कि चालीसा की 4थी चौपाई में ‘शंकर सुवन केसरी नंदन’ छपा है, जबकि इसमें “सुवन” की जगह “स्‍वयं” होना चाहिए l उन्‍होंने तर्क दिया कि हनुमान जी स्‍वयं भगवान शिव के अवतार हैा, वह शंकर जी के पुत्र नहीं हैं l इसलिए चौपाई में छपा ‘सुवन’ अशुद्ध है, स्वामी जी का एक वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा की चौथी चौपाई में ‘शंकर सुमन केसरी नंदन… जो बोला जा रहा है। उसमें हनुमान को शंकर का पुत्र बोला जा रहा है, जो कि गलत है। शंकर स्वयं ही हनुमान हैं, इसलिए ‘शंकर स्वयं केसरी नंदन’ बोला जाना चाहिए।

इसके अलावा उन्होंने ने आगे कहा कि हनुमान चालीसा की 27वीं चौपाई में बोली जा रहा ‘सब राम तपस्‍वी राजा’ के बजाय बताया कि चालीसा में ‘सब पर राम राज सिर ताजा’ होना चाहिए l उन्होंने बताया कि तपस्वी राजा नहीं है।

उन्होंने बताया कि इसी तरह हनुमान चालीसा की 32वीं चौपाई में ‘राम रसायन तुम्हारे पास सदा रहो रघुवर के दासा…’ यह नहीं होना चाहिए l जबकि बोला जाना चाहिए ‘सादर हो रघुपति के दासा’ होना चाहिए।

वहीं उन्होंने चालीसा की अंतिम त्रुटी के बारे में बताते हुए कहा कि, चौथी अशुद्धि के तौर पर उन्‍होंने बताया कि हनुमान चालीसा की 38वीं चौपाई में लिखा है ‘जो सत बार पाठ कर कोई…’ जबकि होना चाहिए ‘यह सत बार पाठ कर जोई’ होना चाहिए।

हनुमान चालीसा इन चार गलतियों को दूर करने को कहा :-

स्वामी रामभद्राचार्य ने बताई हनुमान चालीसा की 4 अशुद्धियां, जानिए कहां-कहां होती है गलतियां

चौपाईगलत छपा [चार अशुद्धियां]शुद्धियां
4थी चौपाई‘शंकर सुमन केसरी नंदन…शंकर स्वयं केसरी नंदन
27वीं चौपाई‘सब पर राम तपस्वी राजा’सब पर राम राज सिर ताजा
32वीं चौपाई‘सदा रहो रघुपति के दासा’‘सादर हो रघुपति के दासा’
38वीं चौपाईजो शत बार पाठ कर कोई।‘यह सत बार पाठ कर जोई’

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FAQ – रामभद्राचार्य हनुमान चालीसा pdf

Q. कौन हैं जगद्गुरु रामभद्राचार्य?

Ans. आपको बता दें कि पद्मविभूषण से भी सम्मानित जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी का जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर में 1950 को मकर संक्राति के दिन में हुआ था। उनकी 3 साल की उम्र में ही आंखों की रोशनी चली गई थी। महज 8 साल की छोटी सी उम्र में उन्होंने भागवत और रामकथा करनी शुरू कर दिया था।

Q. हनुमान जी का पावरफुल मंत्र कौन सा है?

Ans. मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ।। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र को सबसे प्रभावी मंत्र माना गया है।

Q. हनुमान अभी कहां है?

Ans. भगवान राम जब पृथ्वी पर रहने के अपने उद्देश्य को पूरा करते हैं तो सरयू नदी के माध्यम से वापस स्वर्ग चले जाते हैं। हालाँकि, एक अत्यंत आकर्षक तथ्य यह है कि भगवान हनुमान कभी भी उनके साथ नहीं गए। कहा जाता है कि भगवान हनुमान अभी भी यहां पृथ्वी पर मौजूद हैं और उनकी कभी मृत्यु नहीं हो सकती।

Q. हनुमान जी की सवारी क्या है?

Ans. प्रेतासनोपविष्टं तु सर्वाभरणभूषितम् ॥ ९॥ हनुमानजी का वाहन : ‘हनुमत्सहस्त्रनामस्तोत्र’ के 72वें श्‍लोक में उन्हें ‘वायुवाहन:’ कहा गया। मतलब यह कि उनका वाहन वायु है। वे वायु पर सवार होकर अति प्रबल वेग से एक स्थान से दूसरे स्थान पर गमन करते हैं।

Q. हनुमान जी के कौन से पैर का तिलक लगाना चाहिए?

Ans. हनुमान जी के दोनों पैरों पर लगा सिंदूर बहुत ही प्रभावशाली होता हैं. ऐसा माना जाता हैं कि इस सिंदूर का तिलक जब कोई भी व्यक्ति अपने मस्तिष्क पर लगता हैं, तो हनुमान जी उस व्यक्ति को सद्बुद्धि प्रदान करते हैं।

Q. शाम को कितने बजे दीपक जलाना चाहिए?

Ans. दीपक जलाना का सबसे उत्तम समय शाम 5 से 7 बजे के बीच का सही माना जाता है।

Q. हनुमान जी का असली नाम क्या है?

Ans. बहुत कम लोग जानते हैं कि हनुमान जी के बचपन का नाम “मारुति” था, जो दरअसल उनका सबसे पहला व असली नाम था। देवी अंजना के पुत्र होने से इन्हें अंजनी पुत्र व आंजनेय भी कहा जाता है। तो वही पिता केसरी के नाम से भी इन्हें जाना जाता हैं।

Q. हनुमान जी से वरदान कैसे मांगे?

Ans. हनुमान जी का दिन मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान हनुमान जी की पूजा और ‘ऊं श्री हनुमते नमः‘ का जाप करने से लाभ होता है। इस मंत्र का जाप करने से आपके भीतर शक्ति का संचार होता है, और मनोवांछित फल की प्राप्‍ति होती है।

Q. हनुमान जी को बुलाने का मंत्र क्या है?

Ans. हनुमान जी को बुलाने का मंत्र ” ओम नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसहांरणाय सर्वरोगाय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

Q. हनुमान जी का कौन सा फोटो घर में रखना चाहिए?

Ans. घर में भगवान पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगाना बहुत शुभ माना जाता है। पंचमुखी हनुमान की फोटो लगाने से घर में सुख-शांति आएगी। इस तस्वीर से वास्तु दोष भी दूर होते हैं। घर के मेन गेट पर पंचमुखी हनुमान की तस्वीर लगानी चाहिए ताकि वह सभी को दिखाई दे।

Q. क्या हनुमान चालीसा सच में सूर्य से दूरी बताती है?

Ans. “जुग सहस्र योजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू।। यह दोहा अवधी भाषा में है इस दोहे का हिंदी भाषा में अर्थ है कि हनुमानजी ने एक युग सहस्त्र योजन की दूरी पर स्थित भानु यानी सूर्य को मीठा फल समझकर खा लिया था। इसी के आधार गोस्वामी तुलसीदास ने बता दिया था कि सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी लगभग 15 करोड़ किलोमीटर है।

Q. हनुमान चालीसा को 7 बार क्यों पढ़ा जाता है?

Ans. ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से बुरी आत्माओं से बचा जा सकता है, शनि के प्रभाव को कम किया जा सकता है और बुरे सपने से परेशान लोगों की मदद की जा सकती है। यह चुनौतियों का डटकर सामना करने की ताकत और साहस देता है। हनुमान चालीसा की रचना कवि तुलसीदास ने तब की थी जब मुगल बादशाह औरंगजेब ने उन्हें कैद कर लिया था।

Q. 100 बार हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या लाभ होता है?

Ans. बंधन मुक्ति का उपाय: कहते हैं कि यदि आप नित्य 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो हर तरह के बंधन से मुक्त हो जाते हैं। वह बंधन भले ही किसी रोग का हो या किसी शोक का हो। हनुमान चालीसा में ही लिखा है- जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बन्दि महा सुख होई। सत अर्थात सौ।

Q. हनुमान जी को कौन सा दीपक लगाना चाहिए?

Ans. हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने के लिए चमेली के तेल से का तिकोना दीपक जलाना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इससे हनुमान जी की पूजा करने पर उनकी कृपा सदैव बनी रहती है, भगवान शिव की कृपा पाने के लिए 12 मुखी दीपक घी या सरसों के तेल में जलाना चाहिए।

Q. हनुमान जी का प्रिय फूल कौन सा है?

Ans. हनुमान जी का प्रिय फूल पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान हनुमान को लाल पुष्प बहुत प्रिय हैं। इसलिए कई लोग हनुमान जी का पूजा करते वक्त लाल गुलाल भी चढ़ाते हैं। उन्हें लाल गेंदा और लाल गुलाब चढ़ाना शुभ माना जाता है।

Q. हनुमान चालीसा कौन पढ़ सकता है?

Ans. हनुमान जी के भक्‍त पुरुष हों या महिलाएं सभी हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं।

Q. हनुमान जी को कौन सी खुशबू पसंद है?

Ans. हनुमान जी को चमेली का तेल चढाने की भी परंपरा है। परन्तु भूलकर भी बिना सिन्दूर के चमेली का तेल न चढ़ाएं, चमेली के तेल के अन्दर विशेष प्रकार की सुगंध पायी जाती है, और यह औषधि के रूप में भी प्रयोग की जाती है। हनुमान जी को चमेली का तेल चढाने से मन एक विशेष तरीके से एकाग्र होता है, तथा आँखों की ज्योति बढ़ जाती है।

Q. हनुमान चालीसा रात को कितने बजे करना चाहिए?

Ans. मान्यता अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ सुबह या शाम के वक्त किया जा सकता है। वहीं सुबह पाठ करने से पहले नित्यक्रिया आदि करके स्नान करें और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें। जबकि आप इसे शाम को पढ़ना चाहते हैं तो कोशिश करने कि कपड़े स्वच्छ पहन लें, यदि संभव नहीं तो कम से कम अपने हाथ और पैर अच्छी तरह धो लें।

Q. हनुमान जी को कौन सा दीपक जलाना चाहिए?

Ans. 40 दिनों तक सुबह या संध्या काल में हनुमान जी के मंदिर में जाकर मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल से दीया जलाना चाहिए। आप मंदिर में दीपक जलाने के बाद कुछ देर तक वहां बैठें और हनुमान चालीसा का पाठ करें। मंगलवार के दिन दीपक जलाने के बाद सिंदूर का तिलक अवश्य लगाएं।

Q. कलयुग में हनुमान जी के दर्शन कैसे होंगे?

Ans. कलयुग में हनुमान जी: यदि मनुष्य पूर्ण श्रद्घा और विश्वास से हनुमान जी का आश्रय ग्रहण कर लें तो फिर तुलसीदास जी की भांति उसे भी हनुमान जी और राम जी के दर्शन होने में देर नहीं लगेगी। कलियुग में हनुमान जी ने अपने भ‍क्तों को उनके होने का आभास कराया है।

Q. हनुमान जी को तुलसी चढ़ाने से क्या होता है?

Ans. मान्यता है कि तुलसी अर्पित करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के संकटों से रक्षा करते हैं। यदि मंगलवार के दिन हनुमान जी को तुलसी अर्पित की जाए तो घर में सुख समृद्धि का वास होता है और धन संबंधित समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

Q. हनुमान चालीसा कितनी बार बोलना चाहिए?

Ans. ऐसा माना जाता है कि हनुमान चालीसा का पाठ 100 बार या 108 बार करना चाहिए। लेकिन आज के समय में इतने व्यस्त जीवन में हर एक व्यक्ति के लिए हनुमान चालीसा का पाठ 100 बार कर पाना मुश्किल है। ऐसे में यदि व्यक्ति सच्चे मन से 7 बार भी हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो भी उसे हनुमान चालीसा का संपूर्ण लाभ मिलता है।

Q. शनिवार के दिन हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या होता है?

Ans. हनुमान चालीसा का महत्व शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का विधि पूर्वक पाठ करने से शनिदेव की अशुभता दूर होती है. शनि देव ने हनुमान जी को वचन दिया हुआ है कि वे उनके भक्तों को परेशान नहीं करेंगे l इसलिए शनि की साढ़ेसाती, शनि की ढैय्या और शनि की महादशा के दौरान हनुमान जी पूजा करने की सलाह दी जाती है l

Q. अगर मैं हर रोज हनुमान चालीसा पढ़ूं तो क्या होगा?

Ans. रोज सुबह हनुमान चालीसा का पाठ करने से आपका तनाव दूर होता है। यह आपके दिमाग को अधिक आराम महसूस करने में मदद करता है। हनुमान चालीसा आपको पूरे दिन खुश रहने में मदद करती है। ऐसा माना जाता है कि किसी भी यात्रा से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करने से कोई भी दुर्घटना या अनहोनी नहीं होती है।

Q. हनुमान चालीसा पढ़ते समय क्या नहीं करना चाहिए?

Ans. जो व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ पड़ता है उसको मांस और शराब जैसी चीजों से दूर रहना चाहिए। मांस और शराब जैसी चीजें हनुमान जी को बिल्कुल भी पसंद नहीं है और यदि हनुमान जी का भक्त इन सब चीजों का सेवन करता है तो इससे भगवान हनुमान नाराज हो जाते हैं और वह अपने भक्तों पर पूरी कृपा नहीं करते हैं।

Q. हनुमान चालीसा कब नहीं पढ़ना चाहिए?

Ans. कई बार लोग अस्वच्छ अवस्था (गंदे कपड़ों और रजस्वला स्त्री के स्पर्श के बाद) में ही हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं। ऐसी गलतियां करने से बचना चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ करते समय बैठने के लिए ऊनी या कुशा के आसन का उपयोग करना चाहिए। अन्य आसन का उपयोग करने से पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता।