हनुमान चालीसा बागेश्वर धाम Bageshwar Dham Hanuman Chalisa

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धीरेंद्र शास्त्री जी के द्वारा हनुमान चालीसा लिरिक्स हिंदी bageshwar dham Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi: धीरेंद्र शास्त्री जी के गुरु द्वारा हनुमान चालीसा शुद्ध उच्‍चारण, हमने आपके लिए जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी के द्वारा हनुमान चालीसा लिरिक्स शुद्ध उच्‍चारण निचे दी है l आप पढ़े और अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करें l
|| जय श्री राम ||

Bageshwar Dham Hanuman Chalisa

Bageshwar Dham Hanuman Chalisa हनुमान चालीसा बागेश्वर धाम
Bageshwar Dham Hanuman Chalisa हनुमान चालीसा बागेश्वर धाम
रामभद्राचार्य हनुमान चालीसा [Hanuman Chalisa By Rambhadracharya ji]

श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स हिंदी Hanuman Chalisa By Rambhadracharya ji

🙏धीरेंद्र शास्त्री जी हनुमान चालीसा दोहा🙏

श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।।

🛕धीरेंद्र शास्त्री जी हनुमान चालीसा चौपाई के साथ🛕

Bageshwar-Dham-Sarkar-Hanuman-JI हनुमान चालीसा बागेश्वर धाम
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श्री हनुमान चौपाई

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।
रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनिपुत्र पवनसुत नामा।।

महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन विराज सुवेसा।
कानन कुण्डल कुंचित केसा।।

हाथ बज्र और ध्वजा बिराजै।
काँधे मूँज जनेऊ साजै।
‘शंकर स्वयं केसरी नंदन’।
तेज प्रताप महा जगबन्दन।।

विद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
विकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्र जी के काज संवारे।।

लाय संजीवन लखन जियाये।
श्रीरघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।

सहस बदन तुम्हरो यश गावैं।
अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।

जम कुबेर दिक्पाल जहां ते।
कवि कोविद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राजपद दीन्हा।।

तुम्हरो मंत्र विभीषन माना।
लंकेश्वर भये सब जग जाना।।
जुग सहस्र योजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।

राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रक्षक काहू को डरना।।

आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत-पिशाच निकट नहिं आवै।
महावीर जब नाम सुनावै।।

नासै रोग हरै सब पीरा।
जपत निरंतर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन-क्रम-वचन ध्यान जो लावै।।

सब पर राम राज सिर ताजा
तिनके काज सकल तुम साजा।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।

चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु सन्त के तुम रखवारे।
असुर निकंदन राम दुलारे।।

अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता।
अस वर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सादर हो रघुपति के दासा।।

तुम्हरे भजन राम को पावै।
जनम-जनम के दुख ‘बिसरावै।।
अन्तकाल रघुबरपुर जाई।
जहाँ जन्म हरि-भक्त कहाई।।

और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेई सर्व सुख करई।।
संकट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।

जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
यह सत बार पाठ कर जोई l
छूटहि बंदि महासुख होई।।

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महँ डेरा।।

दोहा 
पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप।।

॥ जयघोष ॥
बोलो सियावर रामचंद्र की जय
बोलो पवनसुत हनुमान की जय
बोलो गुरुदेव की जय
॥ जय श्री राम ॥

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हनुमान चालीसा के बारे में About Hanuman Chalisa: 

श्री हनुमान चालीसा ‘चालीस पदों’ का एक दिव्य मंत्र है जिसके श्री हनुमान जी की महिमा का वर्णन किया गया है। हनुमान चालीसा की रचना श्री राम जी के परम भक्त श्री तुलसीदास जी ने की है। हनुमान चालीसा अवधि भाषा में रचित है। हनुमान चालीसा की चौपाईयों में श्री राम के परमभक्त और शिव के रौद्र अवतार श्री हनुमान जी के शौर्य का वर्णन किया गया है। श्री हनुमान जी वीरता और भक्ति के प्रतीक हैं। श्री हनुमान श्री शिव के 11 वे रुद्रावतार हैं जो की अत्यंत ही बलवान और बुद्धिमान हैं।

इन्हें बजरंग बली के नाम से भी जाना जाता है क्यों की इनका शरीर बज्र के समान शक्तिशाली और मजबूत हैं। श्री हनुमान को वानर रूप में अत्यंत शक्तिशाली रूप में दिखाया गया है। श्री हनुमान जी को प्राय हम लगोट पहने और जनेऊ धारण किये हुए देखते हैं। राजस्थान के सालासर में जो हनुमान जी की मूर्ति है वह एक मात्र ऐसी मूर्ति है जिसमे श्री हनुमान जी के दाढ़ी और मुछे दिखाई देती है।

श्री हनुमान को बजरंग बली, मारुति, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकटमोचन, केसरीनन्दन, महावीर, कपीश, शंकर सुवन आदि नामों से भी जाना जाता है। तुलसीदास जी के द्वारा रचित रामायण के सुन्दरकाण्ड और हनुमान चालीसा में श्री हनुमान जी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त होती है। श्री हनुमान श्री राम की सहायता हेतु त्रेता युग में अवतरित हुए थे।

हनुमान चालीसा का महत्त्व Significance of Hanuman Chalisa: 

हनुमान चालीसा की रचना तुलसीदास जी ने की थी। मान्यता है की एक बार पूजा कर लौटते वक़्त तुलसीदास जी ने एक महिला को सदा सुहागन होने का सदा सुहागन का आशीर्वाद दिया। महिला ने तुलसीदास जी को बताया की उसके पति की मृत्यु हो चुकी है। तुलसीदास जी को श्री राम और हनुमान जी पर पूर्ण विश्वास था की वो बिगड़ी को सुधार लेंगे। और इसी कारण से वे अपने वचन पर अडिग रहे।

आश्चर्यजनक रूप से उस महिला का मृत पति तुलसीदास जी के आशीर्वाद से पुनः जीवित हो उठा। इस खबर के चारों और फैलने में जरा भी वक़्त नहीं लगा और शीघ्र ही अकबर के कानों में भी पहुच गयी। अकबर ने इसे मिथ्या समझते हुए तुलसीदास जी को कैद में डलवा दिया। तुलसीदास जी कैद में लगातार हनुमान चालीसा का पाठ करते रह और ४१ वे रोज तुलसीदास जी के भक्ति के कारन हजारों बंदरों ने अकबर के राज्य पर आक्रमण कर दिया और अकबर को मजबूर होकर तुलसीदास जी को कैद से मुक्त करना पड़ा।

हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करें How To Chant Hanuman Chalisa:

हुनमान चालीसा का पाठ प्रातः सुद्ध होने के उपरांत करना चाहिए और आस पास की स्वछता का भी विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। मंगलवार और शनिवार के रोज हनुमान चालीसा का पाठ करना अत्यंत ही शुभ माना जाता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने मात्र से ही श्री हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त की जा सकती है। हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए सुबह ब्रह्म मुहूर्त सबसे उत्तम होता है।

आप अपने अनुसार सुबह किसी भी वक़्त श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं लेकिन ध्यान रहे की आस पास शोरगुल ना हो स्वछता का विशेष ध्यान रखें। सुबह शुद्ध होने के उपरांत लाल आसन पर पूर्व की और मुंह करके बैठे और श्री हनुमान जी की मूर्ति या फिर फोटो को लाल वस्त्र पर विराजमान करें। श्री हनुमान जी को लड्डू (बूंदी) का प्रसाद चढ़ाये और हनुमान चालीसा का पाठ करें।

हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान विशेष ध्यान रखे की स्थिर चित्त से हनुमान चालीसा का पाठ हो और सात्विक जीवन का अनुसरण करें। श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले व्यक्ति को मांस और शराब से दूर रहना चाहिए। हनुमान चालीसा के पाठ करने से पूर्व धुले हुए स्वच्छ कपडे धारण करे। मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ उत्तम माना जाता है।

श्री हनुमान जी के नाम जिनके सुमिरन से ही काटते हैं असंख्य जन्मों के पाप : Most Powerful Names of Lord Hanuman

  • आञ्जनेय : Anjaneya ॐ आञ्जनेयाय नमः अंजनी के पुत्र “हनुमान” Son of Mata Anjana
  • महावीर : Mahavira ॐ महावीराय नमः Most Powerful अत्यंत शक्तिशाली, सबसे
  • हनूमत: Hanumanta ॐ हनूमते नमः Shri Hanumaan श्री हनुमान, जिसके गाल फुले हुए हैं।
  • मारुतात्मज: Marutatmaja ॐ मारुतात्मजाय नमः Maruti Priya मारुती प्रिय
  • परशौर्य विनाशन: Parashaurya Vinashana ॐ परशौर्य विनाशनाय नमः शत्रुओं के बल को समाप्त करने वाला
  • सर्वदुखः हरा: Sarvadukhahara ॐ सर्वदुखः हराय नमः समस्त दुःख दूर करने वाला
  • सर्वग्रह विनाशी :ॐ सर्वग्रह विनाशिने नमः समस्त असुरी शक्तियों का नाश करने वाला
  • मनोजवाय : Manojavaya ॐ मनोजवाय नमः वायु की तरह गतिमान
  • सीताराम पादसेवक : हनुमान जी जो श्री राम और सीता के सेवक हैं जो उनकी सेवा में लीन रहते हैं
  • पिंगाक्ष : हनुमान, भूरे नेत्र वाला
  • सीतादेविमुद्राप्रदायक: माता सीता की अंगूठी श्री राम को देने वाला
  • जाम्बवत्प्रीतिवर्धन: जामवंत को प्रिय
  • लोकपूज्य: लोको के द्वारा पूजे जाने वाला
  • रुद्रवीर्य समुद्भवा : भगवान् शिव का अवतार
  • दैत्यकुलान्तक : दैत्यों के कुल का अंत करने वाला

श्री हनुमान चालीसा पाठ के लाभ Benefits of Hanuman Chalisa: 

श्री हनुमान चालीसा के पाठ के वैसे तो असंख्य लाभ हैं और उनकी विवेचना नहीं की जा सकती है फिर भी प्रमुख रूप से श्री हनुमान चालीसा के निम्न लाभ हैं :-

श्री हनुमान चालीसा के पाठ से आसुरी शक्तियों का दमन होता है और भूत प्रेत और नकारात्मक शक्तिया व्यक्ति को प्रभावित नहीं कर सकती हैं। श्री हनुमान श्री राम के परम भक्त हैं इसलिए हनुमान चालीसा का पाठ करने से श्री राम जी की कृपा भी प्राप्त होती है और मनवांछित फल प्राप्त होते हैं। ऐसी मान्यता है की नियमित रूप से हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति पर से दुर्भाग्य का साया दूर होता है और व्यक्ति स्वस्थ जीवन को प्राप्त करता है।

हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति के रोग दोष दूर होते हैं और स्वस्थ जीवन को प्राप्त करता है। श्री हनुमान जी बल बुद्धि और विद्या का दाता कहा जाता है, इसलिए श्री हनुमान के सुमिरन से बल बुद्धि और विद्या तो प्राप्त होती ही है साथ ही व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। कई बार व्यक्ति को कोई समस्या ना होने पर भी वही मानसिक रूप से परेशान रहता है, ऐसी स्थिति में हनुमान चालीसा के पाठ से व्यक्ति को आत्मिक बल प्राप्त होता है और वह तनाव और चिंता से मुक्त हो जाता है।

श्री हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से भूत और भविष्य की चिंता दूर होती है। श्री हनुमान चालीसा के पाठ से शनि के प्रकोप को भी दूर किया जा सकता है, शनि भी श्री हनुमान जी से भय खाते हैं, इसलिए हनुमान जी के भक्तों पर शनि देव की दया द्रष्टि सदा ही बनी रहती है।

श्री हनुमान जी के शक्तिशाली मंत्र Powerful Mantras of Lord Hanuman: 

श्री हनुमान जी के शक्तिशाली मन्त्रों के जाप से आपको आत्मिक बल प्राप्त होगा और सद्मार्ग पर चलते हुए समस्त बाधाएं दूर होंगी।

  • ॐ द्रोनहार्ताया नमः
  • ॐ शक्ति राक्षसाया नमः
  • ॐ अकायाये नमः
  • ॐ अजराया नमः
  • ॐ अमृत्याया नमः
  • ॐ श्रुतिगामयाये नमः
  • ॐ सानातनाया नमः
  • ॐ पराये नमः
  • ॐ अव्यकताये नमः
  • ॐ अनादाये नमः
  • ॐ भगवाते नमः
  • ॐ जनलोकाय नमः
  • ॐ तापसे नमः
  • ॐ अव्यायाया नमः
  • ॐ विरये नमः
  • ॐ धनदायाया नमः
  • ॐ व्यक्ताव्यकताये नमः
  • ॐ रासाधराये नमः
  • ॐ भार्गाये नमः
  • ॐ रामाये नमः
  • ॐ रामभक्ताये नमः
  • ॐ कल्याणाये नमः
  • ॐ प्राकृतिस्तिराया नमः
  • ॐ विश्वंभाराये नमः
  • ॐ ग्रामासवंताय नमः
  • ॐ गोसपदिकृिताया नमः
  • ॐ वारिशाये नमः
  • ॐ पूर्णकमाया नमः
  • ॐ धरा धिप्प्याय नमः
  • ॐ वागमिने नमः
  • ॐ पिंगाकशाये नमः
  • ॐ वारदाये नमः
  • ॐ शक्ति राक्षसाया नमः
  • ॐ मारकायाया नमः
  • ॐ रामदूठाया नमः
  • ॐ कृष्णाया नमः
  • ॐ देवाये नमः
  • ॐ विश्वहेटावे नमः
  • ॐ निराश्रयाये नमः
  • ॐ आरोगयकारते नमः
  • ॐ विश्वेश्वाये नमः
  • ॐ विश्वानायाकाये नमः
  • ॐ हरिश्वराये नमः
  • ॐ विश्वमुरताया नमः
  • ॐ विश्वकाराये नमः
  • ॐ विषडाये नमः
  • ॐ विश्वात्मनाय नमः
  • ॐ विश्वाहाराया नमः
  • ॐ सीता शोकविनाशनाये नमः
  • ॐ रक्तावाससे नमः
  • ॐ शिवाये नमः
  • ॐ निधिपटये नमः
  • ॐ मुनाये नमः
  • ॐ शरवाये नमः
  • ॐ यूनाया नमः
  • ॐ कलाधराये नमः
  • ॐ महालोकाय नमः
  • ॐ मारुताथमज़ाया नमः
  • ॐ विराविराया नमः
  • ॐ ग्रामवासाया नमः
  • ॐ जनश्रयड़ायाया नमः
  • ॐ रुद्राया नमः
  • ॐ अनागाया नमः
  • ॐ धराधराय नमः
  • ॐ भुरलोकाय नमः
  • ॐ पिंगाकेशाये नमः
  • ॐ पिंगरोमने नमः
  • ॐ शरणागतवत्सलाया नमः
  • ॐ जानकीपराणदाताया नमः
  • ॐ रक्षप्रानहारकाया नमः
  • ॐ पूर्णाया नमः
  • ॐ सत्याये नमः
  • ॐ हनुमते नमः
  • ॐ श्रीप्रदाया नमः
  • ॐ वायुपूत्राया नमः
  • ॐ सत्याये नमः
  • ॐ ओंकार्जमयाये नमः
  • ॐ प्राणवाये नमः
  • ॐ व्यापकाये नमः
  • ॐ अमलाये नमः
  • ॐ शिवधर्मा-प्रतिष्ताये नमः
  • ॐ रमेशतात्राया नमः
  • ॐ फाल्गुणप्रियायेया नमः
  • ॐ राक्षोधनाया नमः
  • ॐ पंदारिकाक्षायाया नमः
  • ॐ दिवाकाराया नमः
  • ॐ समप्रभाये नमः
  • ॐ राव्याय नमः
  • ॐ विश्वचेशलाये नमः
  • ॐ विश्वासेवायाय नमः
  • ॐ विश्वाया नमः
  • ॐ विश्वागम्याय नमः
  • ॐ विश्वाध्ययाये नमः
  • ॐ बालाये नमः
  • ॐ तटवाये नमः
  • ॐ वनचराये नमः
  • ॐ तत्वगामयये नमः
  • ॐ सखये नमः
  • ॐ अजाये नमः
  • ॐ अंजनीसूनावे नमः
  • ॐ अवायगराये नमः
  • ॐ भुवरलोकाय नमः
  • ॐ स्वर्गालोकाया नमः
  • ॐ पितावाससेया नमः
  • ॐ डेवाया नमः
  • ॐ वृधाध्यये नमः
  • ॐ प्लावंगगमये नमः
  • ॐ कपिशेषतया नमः
  • ॐ विडयाये नमः
  • ॐ ज्येष्ताये नमः
श्री हनुमान जी के शक्तिशाली मंत्र :
द्वाद्श्याक्षर मंत्र : इस मंत्र के बारे में मान्यता है की यह मंत्र श्री कृष्ण भगवान् ने अर्जुन को दिया था जिसके कारण  ही उन्होंने विजय प्राप्त की। आप भी अपनी मनोकामना के लिए इस मंत्र का जाप करे और मनवांछित फल प्राप्त करें। इस मंत्र के जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग लाभदायी होता है। 
हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्
सर्व मनोरथ सिद्धि मंत्र : इस मंत्र के जाप से समस्त मनवाछित परिणाम प्राप्त होते हैं और रुके कार्य भी पूर्ण होते हैं। 
अंजनी के नन्द दुखः दण्ड को दूर करो सुमित को टेर पूजूं
तेरे भुज दण्ड प्रचंड त्रिलोक में रखियो लाज मरियाद मेरी
श्री रामचन्द्र वीर हनुमान शरण में तेरी
भय निवारण मंत्र : इस मंत्र के जाप से अज्ञात का भय शांत होता है और मानसिक रूप से शांति प्राप्त होती है
अंजनीगर्भसम्भूताय कपीन्द्र सचिवोत्तम रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमान रक्ष रक्ष सर्वदा
संकट से बचाने के लिए श्री हनुमान जी के मंत्र : श्री हनुमान अपने भक्तों को सभी संकट और बाधाओं से मुक्त करते हैं। निम्न मन्त्रों का जाप करें और भय मुक्त रहें।
ॐ तेजसे नम:
ॐ प्रसन्नात्मने नम:
ॐ शूराय नम:
ॐ शान्ताय नम:
ॐ मारुतात्मजाय नमः
ऊं हं हनुमते नम:
धन, समृद्धि और संपत्ति की प्राप्ति के लिए मंत्र : निचे दिए गए मंत्र का जाप करने से गरीबी दूर होती है, दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जाता है और मान सम्मान प्राप्त होता है।
मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन
शत्रून संहर मां रक्षा श्रियं दापय मे प्रभो
हनुमान बीज मंत्र:– हनुमान जी के बीज मंत्र का जाप करने से समस्त बाधाएं दूर होती हैं।
ॐ ऐं भ्रीम हनुमते, श्री राम दूताय नम:
हनुमान गायत्री मंत्र :– ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्
 हनुमान मूल मंत्र :–  ॐ हनुमते नमः
भय और डर के नाश के लिए श्री हनुमान जी का मंत्र :-  हं हनुमते नम:
शत्रु की बुद्धि के शुद्धिकरण के लिए मंत्र :-
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सव्रग्रहान् भूतभविष्यद्वर्तमानान् समीपस्थान
सर्वकालदुश्टबुद्धीनुच्चाटयोच्चाटय परबलानि क्षोभय क्षोभय मम सर्वकार्याणि साधय साधय स्वाहा
धन वैभव के लिए मंत्र –
ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भक्तजनमन: कल्पना-कल्पद्रुमाय
दुष्टमनोरथस्तम्भनाय प्रभंजन-प्राप्रियाय
महाबलपराक्रमाय महाविपत्तिनिवारणाय
पुत्रपौत्रधन-धान्यादि विविधसम्पतप्रदाय रामदूताय स्वाहा
कर्ज से मुक्ति और आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए श्री हनुमान जी का मंत्र
ऊँ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा
मनोकामना की पूर्ति के श्री हनुमान जी का मंत्र
महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये

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Faq- हनुमान चालीसा बागेश्वर धाम हनुमान चालीसा

Q. हनुमान जी का पावरफुल मंत्र कौन सा है?

Ans. मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठ। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ।। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र को सबसे प्रभावी मंत्र माना गया है.

Q. हनुमान जी से मनोकामना कैसे पूरी करें?

Ans. ऐसे में अगर लंबे समय से आपकी कोई मनोकामना अधूरी रह गई है, तो इसके के लिए मंगलवार और शनिवार 11 पीपल के पत्ते लेकर उसे जल से साफ कर ले. इसके बाद पत्तों पर चंदन या कुमकुम से श्री राम का नाम लिखें और हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान जी को अर्पित कर दें. इससे जल्द ही सब इच्छाएं पूर्ण हो जाएंगी.

Q. हनुमान चालीसा सिद्ध करने से क्या होता है? ‌‌‌

Ans. जो इंसान हनुमान चालिसा का 100 बार पाठ करता है उसके सारे संकट मिट जाते हैं। और उसे सुख की प्राप्ति होती है। इसका मतलब यह है कि आप हनुमान चालिसा का 100 बार पाठ करते हैं तो आपको परमपद की प्राप्ति होती है। ‌‌‌जो हनुमान चालिसा का पाठ करता है उसे सिद्धि प्राप्त होती है।

Q. क्या मैं सोते समय हनुमान चालीसा सुन सकता हूं?

Ans. सोते समय भी हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है। रोजाना सुबह स्नान करके लाल आसन पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। चालीसा पढ़ते समय घी का दीपक जरूर जलाएं। पंक्ति जाप के नियम –किसी भी एक पंक्ति का चुनाव अपनी जरुरत अनुसार करें।

Q. हनुमान चालीसा 1 दिन में कितनी बार पढ़ना चाहिए?

Ans. हनुमान चालीसा पाठ में एक पंक्ति है ‘जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महासुख होई’. आप इसका पाठ 7, 11, 100 और 108 बार कर सकते हैं. शास्त्रों में यह भी विधान है कि प्रतिदिन सौ बार पाठ करने से कई प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं, अगर आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो कम से कम 7 बार पाठ जरूर करें.

Q. हनुमान जी खुश होने पर क्या संकेत देते हैं?

Ans. निर्भिक, साहसी और शक्तिशाली होकर भी आप नेक न्यायप्रिय और विनम्र हैं तो निश्चित ही आपसे हनुमानजी प्रसन्न हैं। जैसे आप एक अच्छे लीडर, सैनिक, पुलिस या उच्चपदासिन अधिकारी होकर भी विनम्र और सच्चे हैं तो हनुमानजी की आप पर कृपा बनी रहेगी। 7. हनुमानजी यदि प्रसन्न हैं तो ऐसे जातक हर क्षेत्र में प्रगति करते हैं।

Q. हनुमान जी की प्रिय राशि कौन सी है?

Ans. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हनुमान जी की प्रिय राशियों में मेष राशि के जातक शामिल हैं. कहते हैं कि इस राशि वालों पर बजरंगबली विशेष रूप से मेहरबान रहते हैं. कहते हैं कि मंगलवार के दिन मेष राशि के जातक हनुमान जी की पूजा करें.

Q. हनुमान चालीसा का पाठ कितने बजे करना चाहिए?

Ans. हनुमान चालीसा पढ़ने का सबसे अच्छा समय क्या है? मान्यता अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ सुबह या शाम के वक्त किया जा सकता है। वहीं सुबह पाठ करने से पहले नित्यक्रिया आदि करके स्नान करें और फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें।

Q. हनुमान जी का कौन सा फल पसंद है?

Ans. काजू, बादाम, किशमिश, छुआरा, खोपरागिट पंचमेवा के नाम से जाने जाते हैं। इसका भी हनुमानजी को भोग लगता है। माना जाता है कि इसके भोग से बजरंगबली प्रसन्न होते है।

Q. हनुमान जी का गुरु कौन है?

Ans. हनुमान जी ने सूर्यदेव को अपना गुरु बनाया था।

Q. हनुमान जी की पूजा सुबह कितने बजे करनी चाहिए?

Ans. मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा सुबह और शाम के समय करना फलदायी माना जाता है l इस दिन आप सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के बाद हनुमान जी की पूजा कर सकते हैं. वैसे पूरे दिन में सूर्यास्त के बाद ही पूजा का शुभ मुहूर्त होता है l

Q. हनुमान जी कहाँ रहते हैं?

Ans. रामेश्वरम् गंधमादन पर्वत जो की कैलाश पर्वत के उत्तर में स्थित है, वहां आज भी ‘हनुमान जी’ निवास करते हैं। मान्यताओं अनुसार कैलाश पर्वत से उत्तर दिशा की ओर एक जगह है, जहां हनुमान जी आज भी निवास करते हैं। हनुमान जी के इस निवास स्थल का वर्णन कई ग्रंथों और पुराणों में भी मिलता है।

Q. Can ladies do Hanuman Chalisa? क्या महिला हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती हैं ?

Ans. हाँ, महिला भी श्री हनुमान चालीसा का पाठ कर सकती हैं। कोई भी हो उन्हें चित को एकाग्र करके, स्वछता का ध्यान रखते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। वस्तुतः श्री हनुमान जी भावना को देखते हैं। इसलिए मन को कल्याणकारी बनाए और पाठ करें, लाभ अवश्य ही प्राप्त होगा।

Q. क्या पीरियड्स के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है Can I chant Hanuman Chalisa during periods?

Ans. मेरी राय और जानकारी के अनुसार आपको पीरियड्स के दौरान श्री हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए। फिर भी आप अपने किसी गुरु की इस सबंध में सलाह लेवे।

Q. दिन में हनुमान चालीसा का पाठ कितनी बार किया जाना चाहिए How many times Hanuman Chalisa should be recited in a day?

Ans. वैसे तो भगवान् हनुमान को जब भी याद किया जाय शुभ ही होता है मगर आस पास के परिवेश की शुद्धता का ध्यान रखा जाना चाहिए और साथ ही चित स्थिर और विकार रहित होना चाहिए। ब्रह्म मुहूर्त (प्रातः काल) में शुद्ध होकर स्वच्छ कपडे धारण करके हनुमान चालीसा का पाठ लाभदायी होता है। समय के मुताबिक 11 से 22 बार तक एक दिन में हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है।

Q. Who Wrote Hanuman Chalisa हनुमान चालीसा को किसने लिखा ?

Ans. श्री हनुमान चालीसा श्री तुलसीदास जी के द्वारा रचित है जो अवधि भाषा में है। प्रधान रूप से इसमें चौपाइयों के माध्यम से श्री हनुमान जी की महिमा का परिचय प्राप्त होता है।

Q. क्या स्नान किये बगैर हनुमान चालीसा का पाठ किया जा सकता है Can I read Hanuman Chalisa without taking bath?

Ans. नहीं, हनुमान चालीसा का सामान्य परिस्थितियों में स्वछता का ध्यान रखने के उपरांत ही पाठ किया जाना चाहिए। यदि किसी कारन से स्नान संभव नहीं है तो आप किसी पात्र में पानी लें और “ऊँ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वास्थांगतो पिवा यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्ष सः बाह्याभयांत्रह सुचीः ” मंत्र के जाप के उपरान्त इसे अपने मस्तक और शरीर पर डाल लें।

Q. क्या हनुमान चालीसा का पाठ रात्रि को किया जा सकता है Can I Chant Hanuman Chalisa at Night ?

Ans. हाँ, यदि कोई दुरात्मा आपको परेशान कर रही है तो गुरु के बताये तरीके से रात्रि में हनुमान चालीसा का पाठ करें लाभ प्राप्त होगा।

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